दंगे दंगे होते हैं फिर वो
84 के हों या गुजरात के | लेकिन इतने पुराने दंगो का दर्द अब भी मिटा नहीं हैं|
आखिर क्यूँ ? जवाब जानने की कोशिश करते हैं रवीश कुमार के साथ कार्यक्रम हम लोग
में . . .
राजनीती मंथन
Monday, 13 May 2013
Friday, 19 April 2013
अगला प्रधानमंत्री कौन ?
जैसे जैसे 2014 के आम चुनाव
निकट आ रहे है वैसे वैसे राजनीती समीकरण बार बार बदल रहे हैं | कयास तो यह भी लगाये
जा रहे हैं कि यह चुनाव नवम्बर में भी हो सकते हैं | फिर भी अभी तक किसी भी पार्टी
ने प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के लिए कोई प्रत्याशी इस रेस में नहीं उतारा है
|
कांग्रेस में दिग्विजय जैसे
दिग्गज नेता हैं फिर भी नाम राहुल गाँधी का सुझाया जाता है | जबकि उन्होंने इस बात
पर साफ़ न कह दिया है | सात रेसकोर्स की दरकार तो मुलायम को भी है, साथ ही वह
सेक्युलर भी हैं | लेकिन उनके पास विकास का कोई मॉडल नहीं है जैसे नितीश और मोदी
का पास है जो की इन दिनों बड़ी चर्चा में हैं |
नरेन्द्र मोदी चर्चित भी है
और विवादित भी | वे अपने आप को सशक्त दावेदार मानते चुके हैं | लेकिन नितीश की
मानें तो सेक्युलर नहीं | भले ही गुजरात में उनकी तीसरी फतेह है | पर चुनावी नतीजे
देखें तो पता चलता है की केवल शहरी व अर्द्धशहरी इलाकों में उनकी जीत हुई है, गांवों
में तो उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है | तो ऐसे में मोदी पूरे कृषि
प्रधान देश को कैसे संभालेंगे |
हो सकता है इस रेस में
नितीश भी आगे चले जायें, पर अभी तो उन्हें मोदी मंजूर नहीं | खैर कुछ कहा नहीं जा
सकता | मिशन 2014 की तस्वीर अब भी हमारे सामने धुंधली है | सवाल ज्यों का त्यों
बना हुआ है कि अगला प्रधानमंत्री कौन ?
Friday, 5 April 2013
ज़रा गौर फरमाइए . . . (2)
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Monday, 11 March 2013
ज़रा गौर फरमाइए. . .(1)
जहाँ हाथ उठे बार बार उसे आम सभा कहते है
और जहाँ लाते चले लगातार उसे राज्य सभा कहते है
जहाँ एक बोले सब सुने उसे शोक सभा कहते है
और जहाँ सब बोले कोई न सुने उसे लोक सभा कहते है
और जहाँ लाते चले लगातार उसे राज्य सभा कहते है
जहाँ एक बोले सब सुने उसे शोक सभा कहते है
और जहाँ सब बोले कोई न सुने उसे लोक सभा कहते है
राजनीती में ईमानदारी...
क्या मजाक करते है जनाब
ये उतनी ही चलती है
जितनी सरदारों की बस्ती में नई की दुकान
क्या मजाक करते है जनाब
ये उतनी ही चलती है
जितनी सरदारों की बस्ती में नई की दुकान
सोनिया कहे मनमोहन से आज कुछ तूफानी करते है
2G CWG तो बहुत हुआ अब कोई बड़ा स्कैम करते है
2G CWG तो बहुत हुआ अब कोई बड़ा स्कैम करते है
इलेक्शनों के दिनों की बात
ये तो चार दिन की कहानी है
सोनिया को सीट जो जित्वानी है
इलेक्शन खत्म होने दे प्यारे
फिर देखना कितनी बिजली कितना पानी है
ये तो चार दिन की कहानी है
सोनिया को सीट जो जित्वानी है
इलेक्शन खत्म होने दे प्यारे
फिर देखना कितनी बिजली कितना पानी है
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