Monday, 11 March 2013



ज़रा गौर फरमाइए. . .(1)



जहाँ हाथ उठे बार बार उसे आम सभा कहते है
और जहाँ लाते चले लगातार उसे राज्य सभा कहते है
जहाँ एक बोले सब सुने उसे शोक सभा कहते है
और जहाँ सब बोले कोई न सुने उसे लोक सभा कहते है


राजनीती में ईमानदारी...
क्या मजाक करते है जनाब
ये उतनी ही चलती है
जितनी सरदारों की बस्ती में नई की दुकान


सोनिया कहे मनमोहन से आज कुछ तूफानी करते है
2G CWG तो बहुत हुआ अब कोई बड़ा स्कैम करते है




इलेक्शनों के दिनों की बात  
ये तो चार दिन की कहानी है
सोनिया को सीट जो जित्वानी है
इलेक्शन खत्म होने दे प्यारे
फिर देखना कितनी बिजली कितना पानी है 
 
 

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